7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए होली से पहले एक बड़ी खुशखबरी आने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते (DA) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है। यह बढ़ोतरी जनवरी-जून 2025 की अवधि के लिए लागू होगी। अगर आप खुद केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या आपके परिवार में कोई केंद्रीय कर्मचारी है, तो यह खबर आपके लिए विशेष महत्व रखती है।
डीए बढ़ोतरी का समय
केंद्र सरकार साल में दो बार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है। पहली बढ़ोतरी जनवरी में और दूसरी जुलाई में होनी होती है। हालांकि, जनवरी के डीए का फैसला आमतौर पर मार्च तक और जुलाई वाले डीए का फैसला सितंबर-अक्टूबर में किया जाता है। इस बार होली का त्योहार 14 मार्च 2025 को है, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सरकार होली से पहले ही इस बढ़ोतरी पर अपना फैसला सुना सकती है।
पिछली बढ़ोतरी का इतिहास
पिछली बार अक्टूबर 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इसे 1 जुलाई 2024 से प्रभावी किया गया था और उस समय यह 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था। सरकारी पेंशनर्स को भी समान दर से महंगाई राहत (DR) प्रदान की जाती है। इस बार महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर यह 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा।
कैबिनेट में होगा अंतिम फैसला
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में लिया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकार इस बार महंगाई भत्ते को 3 प्रतिशत बढ़ाकर 56 प्रतिशत भी कर सकती है, लेकिन अधिकांश रिपोर्ट्स 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की ही बात कर रही हैं।
सैलरी पर पड़ने वाला प्रभाव
महंगाई भत्ते में प्रस्तावित 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन पर सीधा असर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी एंट्री-लेवल कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये प्रति माह है, तो उसे मौजूदा 53 प्रतिशत डीए के हिसाब से हर महीने 9,540 रुपये महंगाई भत्ते के रूप में मिलते हैं। 2 प्रतिशत डीए बढ़ने के बाद यह राशि बढ़कर 9,900 रुपये प्रति माह हो जाएगी। यानी हर महीने मिलने वाले महंगाई भत्ते में 360 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
इसी तरह, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30,000 रुपये प्रति माह है, तो उसका महंगाई भत्ता वर्तमान में 15,900 रुपये है, जो बढ़कर 16,500 रुपये प्रति माह हो जाएगा। इस प्रकार, इस कर्मचारी को हर महीने 600 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
महंगाई भत्ता बढ़ाने का उद्देश्य
महंगाई भत्ता बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य महंगाई दर के अनुसार कर्मचारियों को वेतन वृद्धि देना है, ताकि उनकी खरीद शक्ति बनी रहे। जैसे-जैसे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं, कर्मचारियों की आय में भी वृद्धि आवश्यक होती है, ताकि वे अपना जीवन स्तर बनाए रख सकें। महंगाई भत्ता इस महंगाई के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
महंगाई भत्ते की गणना कैसे होती है
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के 12 महीनों के औसत में होने वाली प्रतिशत वृद्धि के आधार पर की जाती है। साल 2006 में केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की गणना के सूत्र में बदलाव किया था।
यह गणना काफी जटिल है और इसमें विभिन्न आर्थिक कारकों को ध्यान में रखा जाता है। सरकार इस गणना के आधार पर ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का निर्णय लेती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी होती है और इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन को महंगाई के अनुरूप समायोजित करना होता है।
पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत
महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्र सरकार के पेंशनर्स को भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान ही महंगाई राहत (DR) मिलती है। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी महंगाई से राहत मिलती है और वे अपना जीवन यापन आसानी से कर पाते हैं। महंगाई भत्ते में प्रस्तावित 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी से पेंशनर्स की महंगाई राहत भी 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में प्रस्तावित 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे बढ़ती महंगाई का सामना बेहतर ढंग से कर पाएंगे। होली से पहले इस बढ़ोतरी का ऐलान हो जाने से त्योहार की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी। हालांकि, अंतिम निर्णय कैबिनेट की मीटिंग में ही लिया जाएगा, इसलिए अभी सरकारी ऐलान का इंतजार है।