Big good news for central employees: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार होली (14 मार्च, 2025) के त्योहार से पहले महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। इस सप्ताह बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। यह वेतन वृद्धि 12 मिलियन से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
डीए में वृद्धि का विश्लेषण
मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मूल वेतन का 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। लेकिन अब यह बढ़कर 55 प्रतिशत होने की संभावना है। यदि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। इस बढ़ोतरी से न केवल वर्तमान कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि पेंशनभोगी भी इससे लाभान्वित होंगे, जिन्हें महंगाई राहत के रूप में यह राशि प्राप्त होगी।
पिछली बढ़ोतरी से तुलना
महंगाई भत्ते में पिछली बार बढ़ोतरी अक्टूबर 2024 में हुई थी। उस समय केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 3 प्रतिशत की वृद्धि मिली थी, जिससे उनका डीए मूल वेतन के 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2024 से लागू की गई थी। अब नई बढ़ोतरी से डीए 55 प्रतिशत होने पर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में और भी सुधार आएगा। ये वृद्धियां 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत की जा रही हैं, जो 1 जनवरी, 2016 से लागू हैं।
महंगाई भत्ता क्या है और क्यों दिया जाता है?
महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भत्ता सरकार द्वारा कर्मचारियों को मुद्रास्फीति के प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिए दिया जाता है। जैसे-जैसे देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं, कर्मचारियों की क्रय शक्ति कम होती जाती है। इसी घटती क्रय शक्ति को संतुलित करने के लिए सरकार नियमित रूप से महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है, ताकि कर्मचारी अपना जीवन स्तर बनाए रख सकें।
महंगाई भत्ते की गणना कैसे होती है?
महंगाई भत्ते की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर की जाती है। यह मुद्रास्फीति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। सरकार जून 2022 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए इस सूचकांक के 12 महीनों के औसत में हुई प्रतिशत वृद्धि के आधार पर महंगाई भत्ते की दर निर्धारित करती है। केंद्र सरकार हर साल जनवरी और जुलाई में इन भत्तों के भुगतान को संशोधित करती है, लेकिन इसकी घोषणा आमतौर पर मार्च और सितंबर के महीनों में की जाती है।
कर्मचारियों के वेतन पर इसका प्रभाव
महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि से कर्मचारियों की सैलरी में काफी बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये प्रति माह है, तो वर्तमान में उसे 10,600 रुपये (53% डीए) महंगाई भत्ते के रूप में मिलते हैं। लेकिन नई दर लागू होने के बाद, उसे 11,000 रुपये (55% डीए) महंगाई भत्ता मिलेगा, यानी हर महीने 400 रुपये की अतिरिक्त राशि। इसी तरह, वेतन की राशि बढ़ने पर यह लाभ और भी अधिक होगा।
पेंशनभोगियों के लिए लाभ
जहां महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है, वहीं पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) के रूप में समान लाभ मिलता है। इस बढ़ोतरी से देश के लाखों पेंशनभोगियों को भी आर्थिक राहत मिलेगी। पेंशनभोगियों के लिए यह वृद्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके पास आय के सीमित स्रोत होते हैं और वे मुद्रास्फीति के प्रभाव से अधिक प्रभावित होते हैं।
होली से पहले मिलेगा तोहफा
इस बढ़ोतरी का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह होली के त्योहार से पहले होने की संभावना है। होली जो 14 मार्च, 2025 को मनाई जाएगी, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। सरकार अक्सर त्योहारों से पहले इस तरह के लाभकारी निर्णय लेती है, ताकि कर्मचारियों को त्योहार मनाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिल सके। इससे त्योहारी सीजन में बाजार की मांग में भी बढ़ोतरी होती है, जो अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होता है।
केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में प्रस्तावित 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देश के 12 मिलियन से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह वृद्धि न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि बढ़ती मुद्रास्फीति के दौर में उनके जीवन स्तर को बनाए रखने में भी मदद करेगी। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय का इंतज़ार है, और अगर यह मंजूर हो जाता है, तो यह निश्चित रूप से होली के त्योहार पर सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा।